भारत में हर 10 में से 6 लोग नकली सोलर पैनल का शिकार हो रहे हैं। जानिए कैसे करें असली और नकली सोलर पैनल की पहचान, ताकि आप लाखों के नुकसान से बच सकें।
क्यों बढ़ रहे हैं नकली सोलर पैनल के मामले?
सोलर एनर्जी की मांग तेजी से बढ़ रही है और इसी के साथ नकली सोलर पैनलों का बाज़ार भी फैलता जा रहा है। कई लोकल डीलर कम दाम और भारी डिस्काउंट के नाम पर ग्राहकों को ऐसी सोलर यूनिट्स बेच रहे हैं जिनका न तो BIS सर्टिफिकेशन होता है और न ही वे बिजली उत्पादन में भरोसेमंद साबित होते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में लगभग 60% लोग अनजाने में ऐसे नकली सोलर पैनल लगवा चुके हैं, जिनकी वॉरंटी फर्जी या सिर्फ कागज़ों तक सीमित होती है।
असली और नकली सोलर पैनल में क्या अंतर होता है?
असली सोलर पैनल में स्पष्ट रूप से कंपनी का नाम, मॉडल नंबर, वोल्टेज/वॉटेज जानकारी, और BIS या MNRE सर्टिफिकेशन नंबर होता है। वहीं नकली पैनल पर कोई प्रमाणिक स्टिकर नहीं होता, या फिर जो स्टीकर होता है वह आसानी से मिट सकता है। नकली पैनल कुछ महीनों में ही खराब हो जाते हैं और बिजली उत्पादन बेहद कम देते हैं। दूसरी ओर, असली पैनल 25 साल तक की वारंटी और बेहतर परफॉर्मेंस सुनिश्चित करते हैं।
सोलर पैनल खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान?
सोलर पैनल खरीदने से पहले ग्राहक को यह जांचना चाहिए कि क्या उत्पाद पर BIS (Bureau of Indian Standards) या MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) का प्रमाणपत्र मौजूद है। साथ ही खरीदारी करते समय बिल, सीरियल नंबर और वारंटी कार्ड लेना अनिवार्य है। आपको यह भी देखना चाहिए कि पैनल पर QR कोड है या नहीं, क्योंकि असली कंपनियां अब अपने पैनल्स पर डिजिटल वेरिफिकेशन का विकल्प दे रही हैं।
किन ब्रांड्स पर है भरोसा?
भारत में Waaree, Adani Solar, Tata Power Solar, Vikram Solar, और RenewSys जैसे ब्रांड्स MNRE द्वारा मान्यता प्राप्त हैं और इनकी सोलर यूनिट्स बाजार में प्रमाणिक मानी जाती हैं। अगर कोई डीलर इन ब्रांड्स के नाम पर डुप्लीकेट उत्पाद बेच रहा है, तो तुरंत ग्राहक सेवा या MNRE पोर्टल पर शिकायत करें।
नकली पैनल से क्या नुकसान हो सकता है?
नकली सोलर पैनल लगाने पर बिजली उत्पादन बहुत कम होता है, जिससे आपका ROI (Return on Investment) बिगड़ जाता है। साथ ही, बार-बार मरम्मत, बैटरी खराब होना, इन्वर्टर ओवरलोड जैसी समस्याएं सामने आती हैं। इससे आपकी बिजली की बचत खत्म हो जाती है और अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ता है।
निष्कर्ष
सोलर पैनल लगवाना एक बार का बड़ा निवेश है, और इसे सही तरीके से करना बेहद जरूरी है। नकली पैनल से न केवल आर्थिक नुकसान होता है बल्कि बिजली की आत्मनिर्भरता का सपना भी अधूरा रह जाता है। इसलिए सोलर पैनल लेते समय हर पहलू को ध्यान से जांचें और केवल अधिकृत डीलर या सरकारी पोर्टल्स से ही खरीदें। याद रखें सस्ता खरीदकर बाद में पछताना नहीं, बल्कि समझदारी से फैसला लेकर सालों तक बिजली बचाएं।
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