भारत के यह 3 फ्लोटिंग Solar प्लांट्स बना रहे हैं पावर का समंदर, एक बार देखा तो आंखें खुली की खुली रह जाएंगी!

भारत अब केवल जमीन पर ही नहीं, पानी की सतह पर भी बिजली बना रहा है। जी हां, देश में फ्लोटिंग सोलर प्लांट्स का विस्तार तेजी से हो रहा है और यह ना सिर्फ पर्यावरण के लिए बेहतर हैं, बल्कि जगह की कमी से जूझ रहे राज्यों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। भारत के कुछ फ्लोटिंग सोलर प्लांट्स तो इतने विशाल और खूबसूरत हैं कि उन्हें देखकर हर किसी की आंखें चौंक जाएंगी।

रामागुंडम फ्लोटिंग सोलर प्लांट – तेलंगाना का सूरज पानी पर

तेलंगाना के रामागुंडम में बना यह फ्लोटिंग सोलर प्लांट भारत का अब तक का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली फ्लोटिंग प्रोजेक्ट है। NTPC द्वारा विकसित यह प्लांट जलाशय की सतह पर तैरते हजारों सोलर पैनल से बना है, जो प्रतिदिन हजारों घरों को बिजली देने की क्षमता रखते हैं। यह परियोजना दिखाती है कि पानी और सूरज का मेल ऊर्जा क्रांति कैसे ला सकता है।

कायमकुलम फ्लोटिंग प्लांट – केरल की हरियाली में चमकता भविष्य

केरल के कायमकुलम क्षेत्र में बना फ्लोटिंग सोलर प्लांट प्रकृति की गोद में सौर ऊर्जा का सुंदर उदाहरण है। यहां की शांति, झील की सतह और तैरते पैनल – यह सब मिलकर एक अनोखा दृश्य बनाते हैं। यह प्रोजेक्ट दक्षिण भारत में सोलर पावर के प्रति बढ़ते आकर्षण को दर्शाता है और पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भी आदर्श है।

रेवा फ्लोटिंग सोलर प्लांट – मध्य प्रदेश में पावर का नया चेहरा

मध्य प्रदेश के रेवा क्षेत्र में तैयार हो रहा फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि यह देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम भी है। यह प्रोजेक्ट राज्य सरकार और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से विकसित किया जा रहा है और यह आने वाले वर्षों में पूरे क्षेत्र को ग्रीन एनर्जी से सशक्त बनाएगा।

निष्कर्ष: भारत में फ्लोटिंग सोलर प्लांट्स अब केवल एक विचार नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत बन चुके हैं। जहां जगह की कमी, जलवायु संकट और ऊर्जा की मांग जैसे मुद्दे हैं, वहां यह तकनीक सबसे प्रभावी समाधान बन रही है। अगर आपने अब तक इन फ्लोटिंग पावर हाउस को नहीं देखा, तो अगली बार किसी झील के किनारे जाते हुए जरूर नजर दौड़ाइए – शायद वहां सूरज की किरणें पानी पर बिजली बनाती दिख जाएं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें वर्णित परियोजनाओं से जुड़ी डेटा और विवरण सार्वजनिक स्रोतों से संकलित हैं। किसी भी निवेश या यात्रा योजना से पहले आधिकारिक स्रोत से पुष्टि जरूर करें।

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