Bhadla Solar Park: जानिए दुनिया के सबसे बड़े सोलर पार्क की पूरी कहानी

राजस्थान की तपती रेत में बसा एक ऐसा स्थान है, जो अब भारत की नहीं बल्कि पूरी दुनिया की ऊर्जा क्रांति का प्रतीक बन चुका है। हम बात कर रहे हैं भादला सोलर पार्क (Bhadla Solar Park) की, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क माना जाता है। यह सिर्फ अपनी विशालता के कारण नहीं, बल्कि अक्षय ऊर्जा उत्पादन की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक बन चुका है।

कहां स्थित है Bhadla Solar Park और कितना है इसका आकार?

भादला सोलर पार्क राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित है और यह लगभग 14,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। यह इलाका रेगिस्तानी है और यहां साल भर तेज धूप रहती है, जिससे यह सोलर पावर जनरेशन के लिए आदर्श स्थान बन जाता है। इसकी कुल क्षमता 2,245 मेगावाट (MW) है, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पावर पार्क बनाती है।

इस पार्क की स्थापना और संचालन में कौन-कौन शामिल हैं?

भादला सोलर पार्क की स्थापना Rajasthan Renewable Energy Corporation Limited (RRECL) द्वारा की गई थी और इसे कई निजी और सरकारी कंपनियों के सहयोग से विकसित किया गया है। इसमें NTPC, Solar Energy Corporation of India (SECI), ACME Solar, Adani Green जैसी नामी कंपनियों ने निवेश किया है। पार्क का संचालन अत्याधुनिक तकनीक और निगरानी प्रणाली के माध्यम से किया जाता है ताकि हर पैनल की परफॉर्मेंस ट्रैक की जा सके।

क्या है इसकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता और उपयोगिता?

2,245 मेगावाट की उत्पादन क्षमता वाला भादला सोलर पार्क प्रतिदिन लाखों यूनिट बिजली उत्पन्न करता है, जो लाखों घरों की जरूरतों को पूरा कर सकता है। यह ऊर्जा मुख्य रूप से राजस्थान और आसपास के राज्यों को सप्लाई की जाती है और राष्ट्रीय ग्रिड में जोड़ी जाती है। इससे भारत की हरित ऊर्जा (Green Energy) हिस्सेदारी में बड़ा योगदान मिलता है।

भविष्य में क्या संभावनाएं हैं?

भादला सोलर पार्क भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर है। आने वाले समय में सरकार यहां और अधिक अपग्रेड करने, नई तकनीकों को जोड़ने और ऊर्जा स्टोरेज विकल्प बढ़ाने की योजना बना रही है। साथ ही, यह पार्क दुनिया भर से निवेशकों को आकर्षित कर रहा है जो भारत को ग्रीन एनर्जी हब के रूप में देखते हैं।

निष्कर्ष: भादला सोलर पार्क न केवल भारत की सौर क्षमता का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे सही योजना, तकनीक और नीति से रेगिस्तान जैसी जगह को ऊर्जा का अड्डा बनाया जा सकता है। यह पार्क सिर्फ राजस्थान की ही नहीं, बल्कि पूरे देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक सुनहरा उदाहरण है।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी आधिकारिक स्रोतों और प्रकाशित रिपोर्ट्स पर आधारित है। अद्यतन आंकड़ों के लिए संबंधित सरकारी पोर्टल देखें।

Read More:

Leave a Comment